ग्रामीण पर्यटन के विकास में सहायक मालवा की लोककला संजा एवं मांडने
Chetna Thakur
भारत की यदि हम बात करें तो असली भारत के दर्शन हमें गांव में ही होते हैं। मध्य प्रदेश ऐसे ही ग्रामीण संस्कृति के परिचायक देश में एक समृद्ध विविध संस्कृति वाला राज्य है। मध्यप्रदेश अपनी ग्रामीण जनजातीय जनसंख्या के लिए भारत में प्रथम स्थान रखता है। यहां की संस्कृति विभिन्नता में एकता के दर्शन करवाती है। साथ ही इस प्रदेश को अपनी भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विभिन्नताओं के कारण एवं भारत के मध्य में स्थित होने के कारण भारत के ह्रदय स्थल के रूप में दर्जा प्राप्त है, जो अक्सर देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। मध्यप्रदेश विभिन्न संस्कृतियों का संगम स्थल है। प्रदेश की नैसर्गिक सुंदरता की तरह यहां की कला और संस्कृति भी बहुआयामी है । यहां की लोक-कला और संस्कृति के क्षेत्र में स्थानीय कला में चित्रांकन की परंपरा भित्ति चित्रों और भूमि अलंकरण के रूप में मिलती है। ये स्थानीय कला मे चित्रांकन परंपरा पर्यटकों के लिए विशेष जिज्ञासा एवं आकर्षण उत्पन्न करती है। मध्यप्रदेश में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावना विद्यमान है जिसमें यहां की स्थानीय लोक-कला का भी महत्वपूर्ण स्थान है। मैनेे अपने शोध पत्र के माध्यम से यह उजागर करने का प्रयास किया कि किस प्रकार मालवा की स्थानीय लोक कला संजा और मांडने ग्रामीण पर्यटन के विकास का आधार बन सकती है।
Chetna Thakur. ग्रामीण पर्यटन के विकास में सहायक मालवा की लोककला संजा एवं मांडने. Sanskritik aur Samajik Anusandhan, Volume 1, Issue 1, 2020, Pages 44-45