छिन्दवाड़ा जिले के जनजाति विकासखण्डों में कृषि आधुनिकीकरण का उत्पादकता पर प्रभाव
दिलीप ढोबाले, बी. टेमरे
कृषि आधुनिकरण से आज उत्पादकता में वृद्धि हुई है। इसका मूल कारण उन्नत किस्म के बीज है। किसी भी फसल उत्पादन के लिए पानी, अच्छे उत्पादकता वाले बीज, खाद, बरर्मीकम्पोस्ट, रोपाई, अच्छी जोताई और श्रम महत्वपूर्ण है। इसके न होने पर अच्छे उत्पादन की कोरी कल्पना होगी। उन्नत किस्म की फसल लेने के लिए उसमें समय-समय पर रख-रखाव, खाद, बीज आदि से सुरक्षित किया जा सकता है। आज कृषि विकास ने फसल उत्पादन से लेकर आधुनिक यंत्रों तक का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। इसके चलते आज फसल की पैदावार आधिक हो रही है। पानी के भी साधन अब सुलभ हो रहे हैं। जैसे नहरों के माध्यम से खेतों तक पानी पहुँचाना, जलशय, तालाब, बोरबेल आदि की सुविधाओं ने उन्नत फसल के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसी के चलते आज अच्छे कृषि विकास की ओर छिन्दवाड़ा जिला बढ़ रहा है।
दिलीप ढोबाले, बी. टेमरे. छिन्दवाड़ा जिले के जनजाति विकासखण्डों में कृषि आधुनिकीकरण का उत्पादकता पर प्रभाव. Sanskritik aur Samajik Anusandhan, Volume 1, Issue 2, 2020, Pages 03-05